मेरठ
दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल को लेकर एनसीआरटीसी की ओर से तेजी से कार्रवाई चल रही है। मेरठ क्षेत्र में तीन स्टेशन मेरठ दक्षिण, परतापुर और शताब्दीनगर के लिए एनसीआरटीसी ने प्रशासन से तत्काल 33 हजार 512 वर्ग मीटर जमीन उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है। इसके लिए मेरठ सदर तहसील से जमीन का रिकार्ड मांगा गया है।
दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल के पहले चरण में साहिबाबाद से दुहाई के बीच प्राथमिकता के तौर पर गुलधर से दुहाई का काम तेजी से चल रहा है। वहीं दूसरे चरण में दुहाई से मेरठ दक्षिण के बीच काम के लिए कार्रवाई चल रही है। उसके बाद आगे का काम होगा। मेरठ शहर में अंडरग्राउन्ड काम होना है। इस कारण शहर में जमीन की आवश्यकता कम है, लेकिन भूड़बराल और मोहिउद्दीनपुर के पास मेरठ दक्षिण, परतापुर और शताब्दीनगर स्टेशन के लिए एनसीआरटीसी को जमीन की आवश्यकता है। एनसीआरटीसी के सीनियर डीजीएम सुबोध सिंह ने सदर तहसीलदार को तीनों स्टेशनों के लिए 33 हजार 512 वर्ग मीटर जमीन के अधिग्रहण का प्रस्ताव दिया है। उन्होंने कहा कि मेरठ दक्षिण स्टेशन के लिए भूड़बराल, परतापुर के लिए बराल परतापुर, शताब्दीनगर के लिए मोहकमपुर ग्राम की जमीन के अधिग्रहण की आवश्यकता है। इसके लिए इन तीनों गांवों की रैपिड रेल स्टेशनों के लिए भूमि अर्जन अधिनियम-2013 के तहत भू-अर्जन प्रस्ताव को लेकर खसरा, खतौनी उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है।
दूसरे और चौथे चरण में होना है काम
वैसे मेरठ जिले में दूसरे और चौथे चरण में काम होना है। अभी निर्माण कार्य के लिए मिट्टी जांच आदि की कार्रवाई चल रही है। पहली प्राथमिकता दिसंबर-2023 तक साहिबाबाद से दुहाई के बीच कार्य पूर्ण करने का है। दूसरी प्राथमिकता दुहाई से मेरठ दक्षिण का है जो, मार्च-2024 में पूर्ण होगा। तीसरा और चौथा चरण भी 2024 के अंत तक पूर्ण करने का लक्ष्य है।
इस तरह तीनों स्टेशनों के लिए जमीन चाहिए
1.
स्टेशन मेरठ दक्षिण
गांव भूड़बराल
कुल जमीन चाहिए 20 हजार 395 वर्ग मीटर।
2.
स्टेशन परतापुर
गांव बराल परतापुर
जमीन चाहिए 6097 वर्ग मीटर।
3.
स्टेशन शताब्दीनगर
गांव मोहकमपुर
जमीन चाहिए 7020 वर्ग मीटर।