उत्तर प्रदेश में ई-स्टांप प्रणाली लागू, फर्जीवाड़े पर लगेगा अंकुश

लखनऊ l प्रदेश सरकार ने प्रदेश भर में ई-स्टांप प्रणाली लागू करने का फैसला किया है। इससे फर्जी स्टांप की बिक्री के धंधे और घोटालों पर जहां प्रभावी अंकुश लगाने में मदद मिलेगी, वहीं स्टांप की छपाई व ढुलाई आदि पर आने वार्ले खर्च को भी कम किया जा सकेगा। इस व्यवस्था को तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है। यानी संपत्तियों की रजिस्ट्री अब ई-स्टांप पर ही कराई जा सकेगी। 


यह जानकारी देते हुए प्रमुख सचिव स्टांप एवं पंजीयन वीना कुमारी ने बताया कि सभी मूल्य के ई-स्टांप का प्रमाण पत्र जारी करने के लिए प्रदेश सरकार ने केन्द्रीय अभिलेख अनुरक्षण अभिकरण स्टाक होलि्ंडग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया को अधिकृत किया गया है। 
उन्होंने बताया कि प्रदेश के सभी कोषागारों में अब तक उपलब्ध स्टांप का उपयोग होने तक फिलहाल पूर्व की व्यवस्था के साथ ही ई-स्टांप प्रणाली भी लागू रहेगी। यानि अब नये स्टांप नहीं छपेंगे और कोषागारों में स्टाक खत्म होने के बाद सिर्फ ई-स्टांप की ही व्यवस्था लागू रहेगी।
प्रमुख सचिव ने बताया स्टांप बिक्रेताओं की समस्या को देखते हुए सरकार ने ईऱ्-स्टाम्पिंग नियमावली में संशोधन करते स्टांप विक्रेताओं को प्राधिकृत संग्रह केन्द्र (एसीसी) के रूप में कार्य करने को मंजूरी दी है। 
इस संबंध में  महानिरीक्षक स्टांप को स्टांप विक्रेताओं को प्राधिकृत संग्रह केन्द्र के रूप में अनुबंधित करने की कार्यवाही पूरी करने और उन्हे प्रशिक्षित करने के निर्देश दिए जा चुके हैं। 
उन्होंने बताया कि प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों के स्तर पर डीएम को स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ  इंडिया की मदद से कार्यशाला आयोजित करने के भी निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि अब तक कुल 226 स्टाम्प विक्रेताओं को प्राधिकृत संग्रह केन्द्र के रूप में कार्य करने की अनुमति दी जा चुकी है।

गौरतलब है कि इस व्यवस्था को लागू करने का विरोध भी किया गया था और इसके लिए ज्ञापन भी दिया गया था।