काशी-महाकाल एक्सप्रेस में भगवान शिव की 'सीट' पर सियासत, IRCTC ने दी सफाई



नई दिल्ली: काशी महाकाल एक्सप्रेस में भगवान शिव के लिए सीट आरक्षित करने पर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने धर्मनिरपेक्षता का हवाला देकर सवाल खड़े किए हैं. इस विवाद पर  आईआरसीटीसी ने  सफाई देते हुए कहा है कि ट्रेन और सवारियों की बेहतरी के लिए इसमें भगवान शिव को भी एक एक बर्थ दी गई थी. यह व्यवस्था सिर्फ पहले दिन के लिए ही थी.


















16 फरवरी को काशी-महाकाल एक्सप्रेस ट्रेन के उद्घाटन के लिए IRCTC ने कई तैयारियां की थीं. ट्रेन को फूलों से भी सजाया गया था और गंतव्य की ओर रवाना होने से पहले पूजा-पाठ भी किया गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस गाड़ी को हरी झंडी दिखाई थी. IRCTC ने साफ किया कि जिस तरह ट्रेन के उद्घाटन के लिए सजावट की गई थीं, उसी तरह ट्रेन के बेहतर भविष्य के लिए इसमें भगवान शिव को भी एक बर्थ दी गई थी. यह व्यवस्था सिर्फ पहले दिन के लिए थी.


संविधान का हवाला दिया
ट्रेन में भगवान के नाम एक बर्थ करने पर असदुद्दीन ओवैसी ने प्रधानमंत्री को टैग करके संविधान की प्रस्तावना ट्वीट की है. ओवैसी ने संविधान में सभी धर्म के लोगों को समान अधिकार दिए जाने के मुद्दे पर सरकार पर निशाना साधा है. दरअसल रेलवे के अनुसार ऐसा पहली बार हुआ है जब एक सीट भगवान शिव के लिए आरक्षित और खाली रखी गई है.

















Comments