नेतृत्व संकट के दौर से गुजर रही है कांग्रेस

नई दिल्ली: अपने सबसे मुश्किल दौर से गुजर रही कांग्रेस में सिर्फ नए अध्यक्ष को लेकर संशय की हालत नहीं है, बल्कि पार्टी के कई विभाग और प्रकोष्ठ भी लंबे समय से नए मुखिया के इंतजार में हैं. साथ ही कुछ विभाग और प्रकोष्ठ तो निष्क्रियता की स्थिति में हैं. हालांकि, पार्टी का कहना है कि संगठन में बदलाव की प्रक्रिया लगातार चल रही है और आने वाले समय में पार्टी के विभागों और प्रकोष्ठों में रिक्त पदों को भर दिया जाएगा. पार्टी के 20 से अधिक विभागों-प्रकोष्ठों में से तीन- 'विधि, मानवाधिकार एवं आरटीआई विभाग', 'अखिल भारतीय आदिवासी कांग्रेस' और 'अखिल भारतीय किसान कांग्रेस' के अध्यक्ष के पद लंबे समय से खाली हैं.


लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद 'विधि विभाग' के अध्यक्ष विवेक तन्खा ने इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद अब तक इस विभाग के अध्यक्ष पद पर किसी नए व्यक्ति की नियुक्ति नहीं की गई. आदिवासी समुदाय में पार्टी का अधार बढ़ाने के मकसद से काम करने वाले 'अखिल भारतीय आदिवासी कांग्रेस' के अध्यक्ष का पद पिछले एक साल से खाली है. पूर्व केंद्रीय मंत्री किशोर चंद्र देव ने लोकसभा चुनाव से पहले आदिवासी कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. फिलहाल कांग्रेस का यह विभाग इसके दो उपाध्यक्षों महेंद्रजीत सिंह मालवीय और श्यामसुंदर हंसदाह की अगुवाई में चल रहा