रामलला के वैकल्पिक गर्भगृह का खींचा खाका, नजदीक से होगा दर्शन-पूजन

अयोध्या।  श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव मनोनीत होने के बाद पहली बार अयोध्या आए विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष चंपत राय ने रामलला विराजमान परिसर का दौरा किया।












गर्भगृह समेत 70 एकड़ में फैले विशाल भूभाग में भव्य मंदिर से लेकर श्रद्धालुओं के लिए सुविधाएं विकसित करने तक की रणनीति बनाई गई। तय हुआ है कि निर्माण कार्य शुरू होने से पहले रामलला विराजमान के लिए वैकल्पिक गर्भगृह का इंतजाम होगा। 




इसके लिए मानस भवन के दक्षिण की तरफ फाइबर का बुलेटप्रूफ अस्थाई मंदिर बनेगा। यहां भक्तों को नजदीक से दर्शन-पूजन की सुविधा मिलेगी, साथ ही आने-जाने में कम पदयात्रा करनी पड़ेगी।

चंपत राय ने बताया कि रामलला का वैकल्पिक गर्भगृह बांस-बल्ली पर टिके तंबू का नहीं होगा। यह गर्भगृह जिस स्थल पर स्थापित किया जाएगा, उस स्थल का चुनाव इस तथ्य को ध्यान में रख कर किया जा रहा है कि यह स्थान निर्माण की गतिविधियों के संक्रमण से मुक्त रहे, सुरक्षा संबंधी मानकों को पूरा करने के साथ यात्रियों की सुविधा के अनुरूप हो। 

राय ने मंदिर निर्माण के लिए 70 एकड़ के परिसर को पर्याप्त बताया। कहा, मंदिर तो एक एकड़ में बनेगा और कॉरिडोर दो एकड़ में। शेष क्षेत्र में भक्तों के लिए सुविधाएं विकसित होंगी।

फाइबर के एक हजार मॉडल 
रामंमदिर का फैसला आने के तत्काल बाद विहिप ने कोलकाता में अपने प्रस्तावित राममंदिर मॉडल की एक हजार अनुक़ृति की आर्डर दिया है। यह फाइबर को पोर्टेबल बनेगा कहीं भी आसानी से एक व्यक्ति लेकर जा सकता है। 

इसका वजन 15 किलो का होगा और 50 साल तक यथावत रहेगा। इसमें सारी मूर्तियां दिखेंगी। इसे तैयार होने में अभी तीन महीने  लगेंगे। ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय ने बताया कि यह उनके मन में आई एक कल्पना थी ताकि इस मंदिर माडल की अनुकृति को किसी को दिया जा सके।

नवरात्र से दिखेगा राममंदिर का उत्साह 
विहिप के सूत्र बताते हैं कि राममंदिर फैसला आने के बाद लोग काफी उत्साहित थे और इसका प्रदर्शन करना भी चाहते थे। मगर बड़ी मुश्किल से रोका गया। लेकिन यह उत्साह अब रामोत्सव के जरिए पूरा विश्व देखेगा। इस बाबत पूरी तैयारी हो गयी है। हर तरह का उत्सव वर्ष प्रतिपदा से हनुमान जयंती तक विहिप के एक हजार मंडलों में दिखेगा।