उत्तराखंडः वीरता पुरस्कार सैनिकों और आश्रितों को अब रोडवेज बसों में मुफ्त यात्रा

देहरादून।  सेना के हाईस्कूल व स्नातक शैक्षिक प्रमाण पत्र प्रदेश सरकार की नौकरियों में मान्य होंगे। सर्विस के दौरान जिन सैनिकों ने सेना से हाईस्कूल और स्नातक का प्रमाण पत्र हासिल किया है। उन्हें रिटायरमेंट के बाद दूसरी नौकरी पाने में इसका फायदा मिलेगा। वहीं, वीरता पुरस्कार सैनिक, उनके आश्रितों, युद्ध के दौरान घायल व अपंग सैनिकों को रोडवेज बसों में मुफ्त यात्रा की सुविधा मिलेगी।





सोमवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में सीएम आवास पर हुई राज्य सैनिक कल्याण परिषद की बोर्ड बैठक में महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। बैठक में सबसे पहले राज्य सैनिक बोर्ड की पिछली बैठक में उठाए गए मुद्दों की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। मुख्यमंत्री ने केंद्र की तर्ज पर सेना के हाईस्कूल व स्नातक प्रमाण पत्रों को सरकारी नौकरी में वैध मनाने पर सहमति दी। अभी तक विभिन्न विभाग में खाली पद के लिए शैक्षिक योग्यता हाईस्कूल व स्नातक है तो पूर्व सैनिकों के प्रमाण पत्रों को वैध नहीं माना जाता है।




मुख्यमंत्री ने कहा कि सेवानिवृत्ति के बाद सैनिकों को रोजगार उपलब्ध के लिए सरकार प्रयास कर रही है। पूर्व सैनिकों को होम स्टे, सौर ऊर्जा, ग्रोथ सेंटर, पिरुल नीति में रोजगार से जोड़ने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। पूर्व सैनिकों को चयनित कर उन्हें प्रशिक्षण दिया जाएगा। सीएम ने ब्लॉक प्रतिनिधियों के मानदेय को बढ़ाने पर सहमति जताते हुए इसका प्रस्ताव लाने के निर्देश दिए।
ईसीएचएस पॉलीक्लीनिक के लिए भूमि उपलब्ध कराने को कार्यवाही तेज करने के निर्देश दिए। पूर्व सैनिकों के अनाथ बच्चों को कौशल विकास कार्यक्रमों से जोड़ा जाएगा। अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव मनीषा पंवार, जीओसी उत्तराखंड एरिया मेजर जनरल आरएस ठाकुर, सचिव अमित नेगी, कर्नल पीआरएस रावत,  महाप्रबंधक उपनल ब्रिगेडियर पीपीएस पाहवा सहित विभिन्न अधिकारी उपस्थित थे।