रेलमंत्री पीयूष गोयल ने फिर कहा, नहीं होगा रेलवे का निजीकरण

नई दिल्ली। रेलमंत्री पीयूष गोयल ने एक बार फिर आश्वस्त किया है कि रेलवे का निजीकरण नहीं होगा। रेलवे यूनियनों के प्रतिनिधियों से बातचीत में गोयल ने कहा कि मैं पार्लियामेंट से लेकर अलग-अलग मंचों पर ये बात स्पष्ट कर चुका हूं कि रेलवे का कभी निजीकरण नहीं किया जाएगा।


गोयल रेलवे की दो प्रमुख यूनियनों-आल इंडिया रेलवेमेंस फेडरेशन (एआइएफआर) तथा नेशनल फेडरेशन आफ इंडियन रेलवेमेन (एनएफआइआर) के साथ डिपार्टमेंटल काउंसिल की बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने स्वीकार किया कि परिवर्तन संगोष्ठी में यूनियनों को बुलाया जाता तो और बेहतर नतीजे सामने आते। यूनियनों के साथ सतत संवाद की प्रक्रिया को दुबारा चालू किया जाएगा हर तीन महीने में कर्मचारी यूनियनों और छह महीने में अफसरों की यूनियनों के साथ चर्चा होगी। उन्होंने कहा परिवर्तन संगोष्ठी के सुझावों पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है।


निजीकरण और निगमीकरण की चर्चाओं से रेलवे कर्मचारी भयभीत


बैठक के दौरान रेलवे यूनियन नेताओं ने निजीकरण को लेकर अपनी आशंकाओं को सामने रखा। सबसे बड़ी यूनियन एआइएफआर के महासचिव शिवगोपाल मिश्रा ने कहा कि निजीकरण और निगमीकरण की चर्चाओं से रेलवे कर्मचारी भयभीत हैं। इससे उनके काम पर असर पड़ रहा है। एक तरफ प्रधानमंत्री लालकिले से वंदे भारत की बात कर रेलकर्मियों की प्रशंसा करते हैं। दूसरी ओर कम कर्मचारियों के बावजूद उत्पादन दुगुना-तिगुना होने पर भी रेल कारखानों के निगमीकरण की बात हो रही है। तेजस जैसी ट्रेनों का निजीकरण कर उन्हें मनमाना किराया वसूलने की इजाजत दे दी गई है। जबकि वो शताब्दी से सिर्फ पांच मिनट पहले पहुंचाती है।