सेंधा नमक, काला नमक स्वास्थ्य के लिये वरदान

 


*सम्पूर्ण ब्रह्मांड का ऐसा कोई रसोई घर नही जँहा ये औषधि न हो राजा से रंक सभी के पास होता ही है ये सेंधा नमक अगर नही है तो आज ही ला कर रखे व उपयोग करें*


*सेंधा नमक, काला नमक स्वास्थ्य के लिये वरदान* 


*सेंधा नमक क्या है ?* 


*नमक हमारे शरीर के लिये बहुत जरूरी है। इसके बावजूद हम सब घटिया किस्म का नमक खाते है। यह शायद आश्चर्यजनक लगे , पर यह एक हकीकत है ।*


*भारत मे 1930 से पहले कोई भी समुद्री नमक नहीं खाता था विदेशी कंपनीया भारत मे नमक के व्यापार मे आज़ादी के पहले से उतरी हुई है ,उनके कहने पर ही भारत के अँग्रेजी प्रशासन द्वारा भारत की भोली भली जनता को आयोडिन मिलाकर समुद्री नमक खिलाया जा रहा है ।*


*सिर्फ आयोडीन के चक्कर में ज्यादा नमक खाना समझदारी नहीं है, क्योंकि आयोडीन हमें आलू, अरवी के साथ-साथ हरी सब्जियों से भी मिल जाता है।*


*सेंधा नमक(Sendha) की सबसे बडी समस्या है कि भारत मे यह काफ़ी कम मात्रा मे होता है , और वह भी शुद्ध नही होता है। भारत मे 80 प्रतिशत नमक समुद्री है, 15 प्रतिशत जमीनी और केवल 5 प्रतिशत पहाडी यानि कि सेंधा नमक । सबसे अधिक सेंधा नमक पाकिस्तान की मुल्तान की पहडियों मे है।*


*ऐतिहासिक रूप से पूरे उत्तर भारतीय उपमहाद्वीप में खनिज पत्थर के नमक को ‘सेंधा नमक’ या ‘सैन्धव नमक’ कहा जाता है जिसका मतलब है ‘सिंध या सिन्धु के इलाक़े से आया हुआ’ अक्सर यह नमक इसी खान से आया करता था। सेंधे नमक को ‘लाहौरी नमक’ भी कहा जाता है क्योंकि यह व्यापारिक रूप से अक्सर लाहौर से होता हुआ पूरे उत्तर भारत में बेचा जाता थ*


*सेंधा नमक के प्रकार :  यह सफ़ेद और लाल रंग मे पाया जाता है । सफ़ेद रंग वाला नमक उत्तम होता है। ये डलियो में आता हैं। इसको घर में भी पीस सकते हैं और ये बाजार में आज कल पिसा पिसाया भी मिलता हैं।*


*सेंधा नमक के औषधीय गुण :सेंधा नमक ह्रदय के लिये उत्तम, दीपन और पाचन मे मददरूप, त्रिदोष शामक, शीतवीर्य अर्थात ठंडी तासीर वाला, पचने मे हल्का है । इससे पाचक रस बढ़ते हैं।*


*सेंधा नमक के फायदे :*
 
*1-उच्च रक्तचाप ,डाइबिटीज़,लकवा आदि गंभीर बीमारियो से बचाव :भारत मे अधिकांश लोग समुद्र से बना नमक खाते है । श्रेष्ठ प्रकार का नमक सेंधा नमक(Sendha) है, जो पहाडी नमक है ।आयुर्वेद की बहुत सी दवाईयों मे सेंधा नमक का उपयोग होता है। आम तौर से उपयोग मे लाये जाने वाले समुद्री नमक से उच्च रक्तचाप ,डाइबिटीज़,लकवा आदि गंभीर बीमारियो का भय रहता है । इसके विपरीत सेंधा नमक के उपयोग से रक्तचाप पर नियन्त्रण रहता है । इसकी शुद्धता के कारण ही इसका उपयोग व्रत के भोजन मे होता है ।*


*2- रक्त विकार में सेंधा नमक के फायदे :रक्त विकार आदि के रोग जिसमे नमक खाने को मना हो उसमे भी इसका उपयोग किया जा सकता है।*


*3-पित्त नाश में सेंधा नमक के फायदे :यह पित्त नाशक और आंखों के लिये हितकारी है ।*


*4- कृमि  रोग में सेंधा नमक के फायदे :दस्त, कृमिजन्य रोगो और रह्युमेटिज्म मे काफ़ी उपयोगी होता है ।*


*5-थाइरोइड में सेंधा नमक के फायदे :अगर आपको थाइरोइड है तो केवल अपना नमक बदल दीजिये फिर थोड़े महीने में बिना दवा के आप सही हो सकते हैं।*


*6-बॉडी को एक्टिव और फिटरखने में सेंधा नमक के फायदे :सेंधा नमक को खाने में शामिल करके बॉडी को एक्टिव और फिट रखा जा सकता है। सांसों की परेशानियों को दूर करता है बहुत ही कम लोग इस बात से वाकिफ होंगे कि सेंधा नमक सांसों से जुड़ी कई प्रकार की समस्याओं को दूर करता है। अस्थमा से जूझ रहे मरीजों को सेंधा नमक का सेवन जरूर करना चाहिए।मेटाबॉलिज्म सही रखता है, मूड को सही रखता है, तनाव की समस्या दूर करता है, भूख को बढ़ाता है, पेट की बीमारियों से छुटकारा।*


*7-मेटाबॉलिज्म सही रखने में सेंधा नमक के फायदे :सेंधा नमक(Sendha) के सेवन से मेटाबॉलिज्म का लेवल सही बना रहता है, जो पूरी बॉडी के फंक्शन के लिए जिम्मेदार होता है। सेंधा नमक शरीर में पानी की उचित मात्रा को भी बनाए रखता है। इससे बॉडी को हाइड्रेट रहती है, साथ ही डाइजेशन भी सही रहता है। खाने में इसे शामिल करके ब्लड सर्कुलेशन को भी सही रखा जा सकता है। सही ब्लड सर्कुलेशन कई सारी बीमारियों को दूर रखने में मददगार होता है। मूड को सही रखता है सेंधा नमक बॉडी में ऑक्सीजन की उचित मात्रा को भी बनाए रखता है। बॉडी में ऑक्सीजन के सही फ्लो से कई बीमारियां दूर रहती हैं। इससे सीजनल बुखार में भी राहत मिलती है*


*8-तनाव दूर करने में सेंधा नमक के फायदे :रॉक साल्ट लैम्पस में मौजूद अरोमा बॉडी और दिमाग को रिलैक्स करता है। इससे तनाव, चिंता जैसी समस्याएं कोसों दूर रहती हैं।*


*9-भूख बढ़ाने में सेंधा नमक के फायदे :भूख न लगने की समस्या को भी सेंधा नमक खाकर दूर किया जा सकता है। इसकी चुटकी भर मात्रा खाने से डाइजेशन सही रहता है। पेट की बीमारियों से छुटकारा खाने-पीने में लापरवाही और गड़बड़ी से अपच, कब्ज, गैस और एसिडिटी की समस्या आम बात है। यह कई बीमारियों का कारण बनती है। ऐसी किसी भी समस्या को दूर करने के लिए खाने के बाद सेंधा नमक का सेवन करना फायदेमंद रहेगा।*


*10-दांतों की चमक में सेंधा नमक के फायदे :गारगल करें गुनगुने पानी में सेंधा नमक मिलाकर उससे गारगल करें। इससे न सिर्फ दांतों की चमक बढ़ती है, बल्कि गले से संबंधित कई प्रकार की परेशानियां भी दूर होती हैं।*


*11-बॉडी को रिलैक्स और रिफ्रेश करने में सेंधा नमक के फायदे :बॉडी को रिलैक्स और रिफ्रेश करने के लिए सेंधा नमक को नहाने के पानी में मिलाएं या इससे बॉडी पर हल्का-सा मसाज करने के बाद गुनगुने पानी से नहाएं। दोनों ही तरीके बहुत ही फायदेमंद होते हैं।*


*12-मसल्स को रिलैक्स करने में सेंधा नमक के फायदे :मसल्स को रिलैक्स करने के साथ ही यह ब्लड प्रेशर कंट्रोल करता है। साथ ही, बॉडी को डिटॉक्सीफाई भी करता है। पानी में मिलाकर पिएं पानी या लस्सी में सेंधा नमक मिलाकर पीना बहुत ही फायदेमंद रहेगा। ये डाइजेशन से संबंधित सभी प्रकार की समस्याओं को दूर करता है और पेट की समस्याओं से निजात दिलाता है।*


*काला नमक के फायदे  :यह भी ह्रदय के लिये उत्तम, दीपन और पाचन मे मददरूप, वायु शामक है । पेट फ़ूलने की समस्या मे मददरुप है। इसके सेवन से डकार शुद्ध आती है और छोटे बच्चो की कब्ज की समस्या मे इसका उपयोग होता है ।*


*काला नमक बनाने की विधि  :काला नमक बनाने के लिये सेंधा नमक और साजीखार सम प्रमाण मे ले। साजीखार का उपयोग पापड बनाने में होता है और यह पंसारी की दुकान पर आसानी से मिलता है। इस मिश्रण को पानी मे घोलें । अब इसे धीमी आंच पर गर्म करे और पूरा पानी जला दें । अंत मे जो बचेगा वह काला नमक है ।*


*समुद्री और सेंधा नमक के दाम मे इतना अधिक अंतर है जिसके कारण लोग समुद्री नमक खरीद्ते हैं । समुद्री नमक जहां 10 रु किलो है तो सेंधा नमक का दाम दुगना है। सेंधा नमक समुद्री नमक से कम नमकीन होता है। साफ़ है कि इसका अधिक उपयोग करना पडता है ।और इसीलिये लाख उपयोगी होने के बावजूद लोग इसकी जगह समुद्री नमक से ही चला लेते है। पर अगर उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियाँ हुई तो इसके इलाज में जो हज़ारो रुपये खर्च होंगे ; इसकी तुलना में दाम का ये फर्क कुछ भी नहीं। अगर आप अच्छी सेहत चाहते हैं तो इसको ज़रूर अपने घर में जगह दें।*


*सेंधा नमक के नुकसान : नमक आवश्यक है पर उसे कम से कम मात्रा में खाना चाहिए*


*नमक-बिना सब व्यंजन सूने हैं। नमक के अभाव में रसोईघर अधूरा है। नमक ही मनुष्य में सौन्दर्य लाने का कारण है, इसीलिए सुन्दरता को ‘लावण्य’ भी कहा जाता है। सारे खनिज लवणों की संख्या 20 है। इनमें से हम केवल सोडियम क्लोराइड को ही अपने भोजन में इस्तेमाल करते हैं। संसार की बहुतसी आदिम जातियाँ नमक प्रयोग नहीं करतीं। शाक-भाजी, दालों आदि में भी थोड़ा-बहुत नमक रहता है। यह प्राकृतिक नमक स्वास्थ्य के लिए हितकारी है।*


*नमक के फायदे (लाभ):*


*• नमकयुक्त भोजन प्रत्येक व्यक्ति को रुचिकर लगता है, क्योंकि इससे भोजन स्वादिष्ट बन जाता है।*


*• जिस प्रकार थोड़ा-सा नमक शीघ्र ही जल या खाद्य-पदार्थ में मिल जाता है, उसी प्रकार नमकयुक्त आहार-पदार्थ भी अपने सारे पोषक तत्वों के साथ शीघ्र सारे शरीर में पहुंचकर अपना चमत्कारी प्रभाव दिखाने लगते हैं। इसीलिए इसे ‘सूक्ष्म स्रोतगामी’ कहा गया है।*


*• जिस प्रकार मन सुख-दु:ख का ज्ञान कराता है, उसी प्रकार जीभ सभी रसों का ज्ञान प्राप्त कराती है। इसीलिए रसना नमक-रस बिना फीकी रहती है।*


*• नमक पाचन-शक्ति को प्रदीप्त करता है जिससे अच्छी भूख लगती है। नमक के कारण आहार का पाचन ठीक तरह से होता है। इससे आहार-रस भी उचित मात्रा में बनता है।*


*• यह आहार-रस खून, मांस, चर्बी, अस्थि, मज्जा एवं वीर्य आदि के निर्माण में सहायक होता है।*


*नमक के लाभदायक विभिन्न प्रयोग :*


*1-  बरसात की ऋतु में कुटी हुई लाल मिर्च को खराब होने से बचाने हेतु उसमें थोड़ा सा नमक मिलाकर रखना चाहिए ।*


*2-  भिन्डी, कटहल, लसोड़ा जैसी चेपदार सब्जियों को काटते समय नमक हाथ में लगा लेना चाहिए। यदि चेप लग ही गया हो तो भी नमक लगाकर हाथ रगड़कर पानी से साफ कर लें।*


*3-  प्याज को काटने की गन्ध यदि चाकू या छुरी से नहीं जा रही हो तो उस पर नमक रगड़ देना चाहिए ।*


*4-  कढे दूध में नमक मिला देने से मक्खन शीघ्र निकल आता है ।*


*5- गैस चूल्हा या स्टोव पर विभिन्न तरल पदार्थ गिरने से उत्पन्न हुई गंध व गन्दगी साफ करने हेतु बारीक पिसा हुआ नमक से घिसकर साफ करने से गन्ध, गन्दगी दूर होकर स्टोव अथवा गैस चूल्हा चमक उठता है ।*


*6- कढ़ी जब अधिक फुदकने लगे तो नमक डाल दें । कढ़ी फुदकना बन्द हो जाएगी ।*


*7- अचार डालते अथवा परोसते समय यदि हाथ तैल की चिकनाई में सने गये हों तो बारीक पिसा नमक हाथों पर लगाकर मलकर साफ करलें ।*


*8- काफी उबालने से पहले उसमें चुटकी भर नमक डाल देने से काफी की गन्ध तेज (तीव्र) हो जाती है।*


*9- पिलपिले टमाटरों को सख्त करने के लिए उन्हें बरफ के पानी में नमक डाल कर 10 मिनट तक डुबोयें । टमाटर सख्त हो जाएंगे ।*


*10- जले हुए बरतनों को नमक डालकर माँजने से शीघ्र अधिक साफ हो जाते हैं । कोयला या राख में नमक पीसकर मिलाकर बरतन माँजने से अधिक साफ-स्वच्छ व चमकदार हो जाते हैं।*


*11- लालटेन को टंकी (मिट्टी के तैल) में नमक डाल देने से रोशनी अधिक चमकीली हो जाती है।*


*12- गरम पानी में नमक डालकर उसमें कुछ देर तक झाडू रख देने से झाडू की नोंक कड़ी होकर अधिक दिनों तक चलती है।*


*13- फर्नीचर पर लगे स्याही इत्यादि के दाग धब्बे नमक मिले जल में कपड़ा भिगोकर मलने से सरलता से छूट जाते हैं ।*


*14- यदि कपड़े (रेशमी अथवा सूती) रंग छोड़ते हों तो नमक मिले जल में आधा घंटे तक भिगोये रखने के पश्चात् धोकर सुखाने से कभी रंग नहीं छोड़ता है।*


*15- यदि कान में मच्छर अथवा कोई कीड़ा घुस गया हो तो गरम पानी में जरा सा नमक मिलाकर उसकी बूंदें कान में टपकाने से कीड़ा बाहर आ जाता है।*


*16- कपड़े-तौलिया आदि हल्के रोयेदार बने रहें इस हेतु धुलाई के पश्चात् उनको कुछ देर तक नमक मिले जल में पड़ा रहने दें, तदुपरान्त धोकर सुखा लें। तौलिया संदैव तेज धूप में सुखानी चाहिए। इससे उसकी चमक बरकरार रहेगी। गरम पानी में नमक मिलाकर कपड़े धोने से शीघ्र तथा अधिक साफ हो जाते हैं।*


*17- सर्दियों में नहाने के पानी में 1 चम्मच नमक डालकर स्नान करने से त्वचा कान्तिमय बनी रहती है ।*


*नमक से विभिन्न रोगों का घरेलु उपचार :*


*1- पेट के सब रोगों का इलाज – पेट के किसी भी रोग में यह उपाय करें—एक नींबू के दो टुकड़े कर लें। काली मिर्च तथा नमक लगाकर चूसिए।*


*2- झाँइयाँ – चेहरे पर झाँइयाँ हो तो सिरके में नमक व शहद मिलाकर (पेस्ट बनाकर) लेप करना अतीव गुणकारी है ।*
 
*3-कमज़ोर नज़र का इलाज – जिनकी दृष्टि-शक्ति [बीनाई] कमजोर हो गई हो, संतरे के रस में काली मिर्च तथा जरा-सा नमक डालकर पिलाने से दृष्टि-शक्ति बढ़ती है।*


*4-गुर्दे की पुरानी बीमारी [ क्रॉनिक नेफ़राइटिस ] का इलाज ;- • पहले दिन संतरे को 250 ग्राम रस ज़रा-सा सेंधा नमक डालकर पिलावें।• दूसरे दिन–संतरे का रस 400 ग्राम ज़रा-सा सेंधा नमक डालकर पिलावें।• तीसरे दिन संतरे का रस 500 ग्राम ज़रा-सा सेंधा नमक डालकर | पिलावें।*


*5- अग्निमांद्य, अरुचि, पुरानी कब्ज़, अफ़ारा का इलाज – भोजन से पूर्व या भोजन के साथ आधी मूली नमक तथा काली मिर्च के साथ प्रतिदिन खाएँ। एक महीने में पूरा आराम होगा।*
 
*6- बवासीर [ अर्श=Piles ] का इलाज- सफेद मूली को लम्बाई के रुख में चीरकर चार टुकड़े करके रात को नमक लगाकर ओस में रख दीजिए। प्रात: निराहार उसे खा लीजिए। इसके साथ ही मल त्यागने के बाद गुदा भी मूली के पानी से धोइए।*


*7- बुखार का इलाज – नमक ¼ ग्राम ,तुलसी के 6-7 पत्ते अतिविषा [अतीस] 1 ग्राम सबको सिल पर पीसकर खा जाइए।*


*8- दन्त-शूल [ दाँत के दर्द ] का इलाज – नमक बारीक पिसा हुआ 1 ग्राम ,गन्ने का सिरका 3 ग्राम | पानी के भरे एक बड़े ग्लास में दोनों चीज़ों को चम्मच के साथ घोलकर कुल्ले कीजिए।*


*9- कानों के रोगों का इलाज –• यदि दर्द हो-पानी में सेंधा नमक मिलाकर मन्दोष्ण (कोसा=गुनगुना] करके कान में दो-दो बूंदें घंटे-घंटे बाद डालें [ड्रॉपर से]।• अदरक के रस तथा शहद में जरा-सा नमक डालकर अच्छी तरह मिला लें। उसे जरा गर्म कर लें और कानों में बूंद-दो बूंद टपकाएँ।*


*10-मंजन [ वज्रदन्ती ] – हरीड़ [हरीतकी] सूखी 10 ग्राम, बहेड़े [सूखे] 10 ग्राम, आँवले [सूखे] 10 ग्राम, काली मिर्च 10 ग्राम, पिप्पली 10 ग्राम, लवंग 5 दाने , तूतिया [आग पर फूल किया हुआ] 2 ग्राम, काला नमक 2 ग्राम, सफेद नमक 2 ग्राम, सेंधा नमक 2 ग्राम, माजूफल 10 ग्राम इन सबका चूर्ण बनाकर प्रतिदिन प्रात:-सायं मंजन करने से दाँत वज्र के समान हो जाएँगे।*


*11-पायोरिया [ मसूड़ों में पीव पड़ना ] – नीम, जामुन, आम और अखरोट की छाल का महीन चूर्ण 50-50 ग्राम, सेंधा [लाहौरी] नमक और फिटकरी [आग पर फुलाई हुई] 25 ग्राम, नीलाथोथा [आग पर भुना हुआ] 15 ग्राम और बादाम के छिलकों का कोयला 300 ग्राम इन सबको खूब महीन पीसकर कपड़छन करके मंजन बना लीजिए। प्रात:-सायं मंजन करें |*


*नमक के नुकसान :*


सोडियम क्लोराइड बहुत हल्का प्रयोग करना चाहिए। कहावत है। कि अधिक नमक खाने से हड्डियाँ खुरती [ क्षय होती] हैं, रक्त बिगड़ता है। खाज-खुजली, दाद, चंबल आदि रोग प्राय: अधिक नमक खाने का परिणाम होते हैं। हदय, त्वचा (Skin), जिगर [Liver], गुर्दो [Kidney) के रोगों में नमक बिल्कुल बन्द कर देना चाहिए। कोई भी रोग हो, नमक का प्रयोग एकदम आधा कर दें तो रोग जल्दी दूर होगा। नमक अधिक प्रयोग किया जाए तो आँखों, आमाशय [Stomach] तथा पित्ताशय [Gaul bladder) को नुकसान पहुँचाता है। गुर्दे की किसी भी बीमारी में नमक का प्रयोग बिल्कुल कम कर देना चाहिए। रक्तचाप (ब्लड प्रैशर] में भी नमक खाना तुरन्त छोड़ देना चाहिए। अधिक नमक खानेवाले के बाल उड़ने लगते हैं, नींद कम आती है और मोटापा बढ़ता है |