बजट 2020: क्या छोटी बचत योजनाओं पर लगा ग्रहण? नहीं मिलेगा निवेश करने पर टैक्स छूट में लाभ

नई दिल्ली । वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आयकर के स्लैब की नई दरों की घोषणा करते हुए कई तरह की छूट के प्रावधान को खत्म कर दिया है। इसमें से सेक्शन 80सी और आयकर कानून के चैप्टर 6ए भी शामिल हैं। इससे आयकर रिटर्न फाइल करते वक्त कई निवेश पर मिलने वाली छूट को खत्म हो जाएगी। इनमें पोस्ट ऑफिस की छोटी बचत योजनाएं भी शामिल हैं। 


पुराने स्लैब से भरेंगे तो होगा फायदा 


सीए गिरीश नारंग के अनुसार अगर कोई आयकरदाता पुराने स्लैब के अनुसार आयकर रिटर्न को भरता है तो फिर उसको छूट में इन पुराने निवेश का लाभ मिलेगा। इनमें सेक्शन 80सी के तहत किए गए 1.5 लाख रुपये का निवेश, एचआरए और होम लोन के ब्याज पर मिलने वाली छूट शामिल है। अगर करदाता पुराने स्लैब में सभी तरह की छूट का इस्तेमाल करता है, तो फिर नए स्लैब में उतना फायदा नहीं मिलेगा, जितना पुराने स्लैब से रिटर्न फाइल करने पर मिलेगा। 


अगर करते हैं केवल 1.50 लाख का निवेश तो फिर होगा कम फायदा


पुराने स्लैब के अनुसार अगर कोई करदाता केवल 1.5 लाख रुपये की छूट का इस्तेमाल करता है, तो फिर इसका कम फायदा मिलेगा। वहीं नए स्लैब के अनुसार अगर व्यक्ति 1.5 लाख की छूट नहीं लेता है तो फिर उसे फायदा मिलेगा। 


छोटी बचत योजनाओं पर लगा ग्रहण


हालांकि सरकार के नए कदम से अब छोटी बचत योजनाओं में निवेश पर ग्रहण लग सकता है। इन निवेश योजनाओं में ज्यादातर आम आदमी बचत और निवेश के लिए करता था, ताकि उसको आयकर में लाभ के साथ ही बचत भी होती रहे। अब नए स्लैब के बाद और निवेश में छूट के 100 में से 70 विकल्पों को खत्म करने के बाद यह योजनाएं पूरी तरह से लोगों को आकर्षित नहीं कर पाएंगी। 


होम लोन के ब्याज और एचआरए का भी नहीं मिलेगा लाभ


सीए गिरीश नारंग के अनुसार नए टैक्स स्लैब के मुताबिक होम लोन के ब्याज और एचआरए में पहले मिलने वाली छूट का भी लाभ नहीं मिलेगा। ज्यादातर टैक्सपेयर इस छूट का इस्तेमाल भी रिटर्न फाइल करते वक्त लेते थे। इसके अलावा परिवार और स्वंय के लिए स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी पर मिलने वाली छूट और स्टैण्डर्ड डिडक्शन के तहत 50 हजार की छूट भी नहीं मिलेगी।