निर्भया मामले में सुनवाई पूरी, हाईकोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित

 नई दिल्ली। 2012 निर्भया सामूहिक दुष्कर्म मामले में दोषियों की फांसी पर रोक के खिलाफ तीन घंटे से ज्यादा समय तक बहस चली जिसके बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। कोर्ट रविवार को गृह मंत्रालय की अर्जी पर जस्टिस सुरेश कैत सुनवाई कर रहे थे।


इस दौरान केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने हाईकोर्ट में पक्ष रखा। तुषार मेहता ने कोर्ट में कहा कि प्रक्रिया में दोषियों की ओर से जानबूझकर देरी की गई, जबकि संस्था की ओर से त्वरित प्रतिक्रिया दी गई। उन्होंने कहा कि न्याय मिलने में किसी तरह की देरी नहीं हो सकती। 

'मुकेश अनुच्छेद 21 के तहत संरक्षण का हकदार'
दोषी मुकेश की ओर से बहस कर रहीं रेबेका जॉन ने कहा कि केंद्र कल क्यों जागा है, इससे पहले क्यों कुछ नहीं किया? मुकेश द्वारा कानूनी उपायों का उपयोग करने की आप निंदा नहीं कर सकते हैं। संविधान उसे अपने जीवन की अंतिम सांस तक उन विकल्पों का प्रयोग करने की अनुमति देता है। उन्होंने बहस के दौरान आगे कहा कि मुकेश एक भयानक व्यक्ति है, उसने बहुत ही भयानक अपराध किया है। लेकिन वह अभी भी अनुच्छेद 21 के तहत संरक्षण का हकदार है। रेबेका जॉन ने कहा कि मुकेश दया याचिका दायर करने का हकदार है। हाईकोर्ट यह नहीं कह सकता कि अब खत्म हुआ और उन्हें अलग-अलग फांसी दिया जाए। 
'दया का अधिकार क्षेत्र हमेशा व्यक्तिगत'
बहस के दौरान सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि दया का अधिकार क्षेत्र हमेशा व्यक्तिगत होता है। राष्ट्रपति परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए दोषी के प्रति दया दिखा सकते हैं। यह अन्य दोषियों पर कैसे लागू होगा? 

उन्होंने कहा कि कानून के अनुसार फांसी के 14 दिन पहले दोषियों को नोटिस देना होता है। इस मामले में 13वें दिन एक दोषी याचिका दायर करता है और फांसी पर रोक लगाने के लिए कहता है। वे सभी मिलकर काम कर रहे हैं। 

'ट्रायल कोर्ट के आदेश को रोक देना चाहिए'
तुषार मेहता ने कहा कि ट्रायल कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश(फांसी रद्द) को रोक दिया जाना चाहिए। देश में प्रत्येक अपराधी न्यायिक प्रणाली को हराने का आनंद ले रहा है।वहीं, दोषियों के वकील एपी सिंह ने कहा कि चारों दोषी एक गरीब, ग्रामीण और और दलित परिवार से आते हैं और कानून में अस्पष्टता का खामियाजा भुगतने के लिए नहीं छोड़ सकते। 

तिहाड़ जेल प्रशासन ने पटियाला हाउस कोर्ट में दी स्टेटस रिपोर्ट

शनिवार को दोषी विनय की दया याचिका राष्ट्रपति द्वारा खारिज किए जाने के बाद तिहाड़ जेल प्रशासन ने पटियाला हाउस कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दायर की थी। तिहाड़ जेल प्रशासन ने कोर्ट को बताया कि विनय की दया याचिका खारिज हो गई है, लेकिन अन्य दोषी अक्षय ने शनिवार को विनय की दया याचिका खारिज होने के बाद अपनी दया याचिका राष्ट्रपति के पास भेज दी, जो अभी लंबित है।  

उल्लेखनीय है कि पटियाला हाउस अदालत ने 17 जनवरी को राष्ट्रपति द्वारा मुकेश की दया याचिका खारिज करने के बाद 22 जनवरी के लिए डेथ वारंट को रद्द कर एक फरवरी की सुबह छह बजे चारों दोषियों को फांसी देने के लिए नया डेथ वारंट जारी किया था।