नई दिल्ली। बजट 2020 में केंद्र सरकार ने एलान किया है कि वो प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) के माध्यम से सबसे बड़ी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) की अपनी हिस्सेदारी बेचेगी। हालांकि, शेयर बाजार में लिस्टिंग के बाद एलआईसी रिलायंस को पीछे छोड़ देश की सबसे बड़ी कंपनी बन सकती है। विश्लेषकों को एलआईसी का वैल्यूएशन 8-10 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है।
विश्लेषकों को एलआईसी का वैल्यूएशन आठ से 10 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है। यानी यह रिलायंस को भी पीछे छोड़ सकती है। मौजूदा समय में रिलायंस का बाजार पूंजीकरण 8,76,906.57 करोड़ रुपये है। बता दें कि वित्त वर्ष 2021 के लिए सरकार ने 2.10 लाख करोड़ रुपये का विनिवेश लक्ष्य रखा है। यह लक्ष्य काफी बड़ा है।
सऊदी अरब की तेल कंपनी से हो रही तुलना
वित्त मंत्री द्वारा एलआईसी में हिस्सेदारी बेचने के प्रस्ताव के बाद इसके आईपीओ की तुलना सऊदी अरब की दिग्गज तेल कंपनी सऊदी अरामको से हो रही है। बाजार के विश्लेषकों के मुताबिक, पैसे जुटाने के मामले में एलआईसी का आईपीओ सऊदी अरामको के आईपीओ जैसा ही हो सकता है।
बीते साल दिसंबर में सऊदी अरामको ने अपने आईपीओ से 1.82 लाख करोड़ रुपये की रकम जुटाई, जबकि एलआईसी के आईपीओ से सरकार 50 हजार करोड़ रुपये से अधिक रकम जुटा सकती है, जो भारतीय कंपनियों के लिए रिकॉर्ड होगा।
आईपीओ से बढ़ेगी सार्वजनिक भागीदारी
वहीं एलआईसी ने दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड, इंफ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंसियल सर्विसेज (डीएचएफएल) और अनिल अंबानी की अगुवाई वाले रिलायंस ग्रुप सहित कई संकटग्रस्त कंपनियों को भारी-भरकम कर्ज दे रखा है।