प्रदर्शन करने जा रहे 28 किसानों को पुलिस ने किया नजरबंद

नोएडा। गढ़ी चौखंडी गांव से प्रदर्शन करने प्राधिकरण कार्यालय जा रहे किसानों को बुधवार दिन भर पुलिस ने नजरबंद रखा। शाम को मुचलका भरवाने के बाद सभी को छोड़ दिया गया। इनमें 16 महिलाएं समेत 28 किसान थे। सभी को सूरजपुर पुलिस लाइन में रखा गया था। वहीं गढ़ी चौखंडी गांव में पुलिस बल तैनात कर दी गई है।
उधर पुलिस की मौजूदगी के बाद भी बुधवार को किसानों ने सेक्टर-6 स्थित प्राधिकरण कार्यालय के बाहर धरना दिया। हालांकि धरनारत किसानों को गिरफ्तार नहीं किया गया। दोपहर बाद करीब 3 बजे किसान प्राधिकरण के सामने से धरना देकर चले गए। किसानों ने कहा कि प्रदर्शन में शामिल गिरफ्तार लोगों को रिहा नहीं किया गया तो बड़ा आंदोलन होगा।
सोमवार को प्राधिकरण पर धरना देने वाले करीब 150 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया था। मंगलवार को धरना देने पहुंचे 79 किसानों का पुलिस ने शांतिभंग में चालान कर दिया। जबकि 11 किसान नेताओं को 14 दिन न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।
इससे धरना दे रहे किसानों में नाराजगी बढ़ गई और इस मुद्दे को लेकर बुधवार सुबह गढ़ी चौखंडी गांव में पंचायत हुई। इस दौरान भारी संख्या में पुलिस बल पहुंच गया और किसानों से धरना खत्म करने की अपील की। लेकिन किसान इसके लिए राजी नहीं हुए और प्राधिकरण पर जाने की जिद पर अड़े रहे। काफी देर तक दोनों पक्षों के बीच बातचीत चलती रही। बातचीत का जब कोई निष्कर्ष नहीं निकला तब पुलिस 28 किसानों को बस में बिठाकर सूरजपुर पुलिस लाइन ले गई और दिनभर नजरबंद रखा। वहीं गढ़ी चौखंडी गांव में भारी संख्या में किसान बैठे रहे और पुलिस उन्हें दिनभर समझाती रही। गढ़ी चौखंडी गांव में भारी पुलिस बल तैनात है। इधर बुधवार को प्राधिकरण ऑफिस पर भी धरना चलता रहा। इनमें महिलाएं और सीटू के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में शामिल थे।
पंचायत के दौरान ले गई पुलिस
भारतीय किसान संगठन के प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र यादव ने बताया कि बुधवार सुबह वह गांव में पंचायत कर रहे थे। तभी पुलिस उनके साथ 28 लोगों को सूरजपुर ले गई और दिनभर नजरबंद कर दिया। जिला अध्यक्ष परविंदर यादव ने कहा कि जिला प्रशासन किसानों का दमन करने पर उतारू है भारतीय किसान संगठन इसका पुरजोर विरोध करता है। उन्होंने बताया कि बृहस्पतिवार को भारतीय किसान संगठन का प्रतिनिधिमंडल अपर पुलिस उपायुक्त से मिलेगा।
पुलिस गढ़ी चौखंडी गांव में प्रदर्शन में शामिल लोगों से बातचीत करने गई थी। पुलिस ने काफी समझाने का प्रयास किया लेकिन कुछ लोग नहीं माने। इसके बाद 28 लोगों को हिरासत में ले लिया गया। जिन्हें शाम को छोड़ दिया गया।- हरीश चंदर, डीसीपी, सेंट्रल नोएडा।