*गर्मी के शरबत घर पर बनाए*
गरमी आते ही ठंडे रसीले शरबत की तलब जाग उठती है। इस मौसम में कई तरह के रस घर में ही तैयार करके हम गरमी के विरुद्ध एक मजबूत दीवार खड़ी कर सकते हैं। आइए कुछ ऐसे ही घर पर शरबत बनाने की विधि बनाने के बारे में जानते हैं।
*गुलाब का शरबत :*
गुलाब का शरबत गरमी में दिल, दिमाग और शरीर को ठंडक पहुँचाता है।
लगभग ३० गुलाब लाल गुलाब के फूल, १ चुकंदर, तुलसी की २०-२५ पत्तियाँ, पोदीने के २०-२५ पत्ते, एक बड़ी चम्मच कटा हरा धनिया, ५-६ छोटी इलाइची, ५ कप मिश्री पाउडर ४ नीबू का रस।
•गुलाब की पँखुड़ियों को अच्छी तरह धोकर साफ कपड़े पर फैलाइए। दूसरे कपड़े से पोंछकर फालतू पानी हटा दीजिए। एक कप पानी उबालिए।
•गुलाब की पँखुड़ियों में उबला पानी डालकर पीस लीजिए। छलनी में छानकर गुलाब के रस को अलग कर लीजिए।
•चुकंदर तुलसी, धनिया और पुदीने के पत्ते धोइए और इन सबको मिलाकर बारीक पीस लीजिए। पिसा मिश्रण एक कप पानी मिलाकर ३-४ मिनट तक उबालिए।
•मिश्रण के ठंडा होने के बाद, छलनी से छानकर रस अलग कर लीजिए।
• ३ कप मिश्री को किसी बरतन में डालिए। १ कप पानी मिलाइए, उबलने के लिए रखिये, मिधरी घुलने के बाद, १-२ मिनट उबालिए और आग बंद कर दीजिए और इस चाशनी को ठंडा होने दीजिए।
• बची हुई मिश्री में इलाइची के दाने मिलाइए और पीस लीजिए। चीनी की चाशनी में गुलाब की पँखुड़ियों का रस, चुकंदर के मिश्रण का रस और नीबू का रस मिलाइए, पिसी हुई चीनी भी इसी चाशनी में डाल दीजिए, सारी चीजों को अच्छी तरह मिलाइए।
• शरबत को ४-५ घंटे ढककर रखे रहने दीजिए, ताकि सारे स्वाद मिलकर अच्छी तरह महकने लगें। तैयार शरबत को काँच की बोतल में भरकर पानी भरे हुए मिट्टी के घड़े में रख लीजिए. जब भी शरबत बनाना हो, १ गिलास ठंडे पानी में २ बड़ी चम्मच गुलाब शरबत डालिए और मिलाइए।
*बेल का शरबत :*
बेल का शरबत न केवल आपको शीतलता देता है बल्कि हाजमा भी दुरुस्त करता है। २ बेल का गूदा, आधा कप मिश्री, ४ कप पानी।
बेल के गूदे को एक-दो कप पानी के साथ मथकर घोल लें। बाकी पानी में मिश्री घोल लें। छलनी से बेल के घोल को छानकर मीठा पानी मिला दें। ताजा इस्तेमाल करें।
*तरबूज का शरबत :*
६ कप तरबूज का गूदा, १ नीबू का रस, २-३ पुदीना पत्ती, स्वाद के अनुसार काला नमक व मिश्री।
तरबूज के गूदे को मिक्सी में पुदीने, मिश्री और नमक के साथ मिक्सी में फेंट लें। १५-२० सेकंड में तरबूज का शरबत तैयार हो जाता है।
*टेसू के फूल का शरबत :*
देश के अनेक गाँवों में टेसू के फूलों का मीठा शरबत गरमियों में धूप से बचने के लिए भी पीया जाता है। टेसू के फूलों को रात भर पानी में भिगोकर रखें। सुबह फूलों को निकालकर जो रंगीन पानी बचे, उसमें मिश्री मिलाइए और गरमी में ठंडा रखनेवाला टेसू का शरबत हो गया तैयार। गाँव में लोगों का मानना है कि ये मीठा शरबत बहुत ठंडा करता है और गरमी की कड़ी धूप से बचाता है। आप भी इसे अपने घर पर बनाएँ और इस गरमी में धूप से सुरक्षित रहें और मन को रखें ठंडा।
*ठंडाई :*
ठंडाई का सेवन करने के बाद यदि तपती दुपहरी में भी बाहर जाना पड़े तो शरीर पर गरमी का असर नहीं होता।
इसमें १-१ चम्मच सौंफ, धनिया, इलाइची, काली मिर्च, खसखस, कासनी, गुलाब के फूल, कमलगट्टा, तरबूज, ककड़ी व खरबूजे के बीज के अलावा बादाम, पिस्ता रात में भिगोकर रख दें।
सुबह सिलबट्टे पर या मिक्सी में पीस लें। स्वादानुसार मिश्री डालकर प्रयोग करें।
*इमली व केरी का पानी :*
गरमी के मौसम में लू, तापघात व हैजे से बचाव के लिए इमली व केरी के पानी का उपयोग किया जाता है। इमली का पानी बनाना आसान है। रात के समय इमली को टुकड़े करके पानी में भिगोकर रखने के बाद सुबह इसे महीन कपड़े से छानकर मिश्री मिलाकर इसका सेवन करने से लू नहीं लगती। वहीं केरी का पानी बनाने के लिए कच्ची केरी के टुकड़ों को पानी में उबालकर सेंधा नमक व काली मिर्च का पाउडर मिला सेवन करने से हैजा व डायरिया की शिकायत नहीं रहती।
विशेष : अपवित्र पदार्थों से बने हुए, केमिकलयुक्त, केवल कुछ क्षणों तक शीतलता का आभास कराने वाले परंतु आंतरिक गर्मी बढ़ाने वाले बाजारू शीतपेय आकर्षक रंगीन जहर हैं। अतः इनसे सावधान !