युग के वाहक हैं युवा, यह सिद्ध करेंगे बीटीएसएस के युवा योद्धा: नीरज सिंह


कास्टीट्यूशन क्लब में तिब्बत की आजादी के लिए दहाड़े राष्ट्रीय युवा अध्यक्ष नीरज

-प्रकृति यानी परमेश्वर को नष्ट करने में जुटे चीन को सबक दें इस देश के युवा: सुबुही खान

-संसद को 60 साल पुराने संकल्प की याद दिलाने व तिब्बतियों से क्षमा मांगने का करना होगा काम: तोमर

-तिब्बत व कैलाश-मानसरोवर की मुक्ति के बीटीएसएस के काम को तिब्बती समाज का मिलेगा पूरा समर्थन: आचार्य यशी

नई दिल्ली 30 अप्रैल।


 युवा ही युग का वाहक होता है और  कहते भी हैं कि जिस ओर जवानी चलती है उस ओर जमाना चलता है, यह बात तिब्बत की आजादी की हो या कैलाश मानसरोवर की मुक्ति की, भारत तिब्बत समन्वय संघ (बीटीएसएस) के साथ अब देश भर से युवाओं को जोड़कर इस आंदोलन को तेज किया जाएगा और जल्द ही इसे मुकाम तक पहुंचाया जाएगा। यह भारत तिब्बत समन्वय संघ के युवा विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज सिंह ने कहीं।

श्री सिंह शुक्रवार को दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में दिल्ली प्रांत की बैठक को संबोधित कर रहे थे।

इस अवसर पर संगठन की केंद्रीय परामर्शदात्री समिति की सदस्य, उच्चतम न्यायालय की अधिवक्ता व प्रसिद्ध टीवी पैनलिस्ट श्रीमती सुबुही खान ने कहा कि हमारे पंच परमेश्वर हमको प्रकृति से जोड़ते हैं। चीन उसी प्रकृति को नष्ट करने पर तुला है, जिसके खिलाफ देश में एक बड़े जन जागरण की आवश्यकता है। संघ के

केंद्रीय संयोजक हेमेंद्र तोमर ने कहा कि बीटीएसएस के आद्य प्रेरक परम पूज्य रज्जू भइया के जन्म शताब्दी वर्ष में दो कार्यक्रम करने ही हैं। पहला, भारत की संसद के दोनों सदनों ने 14 नवंबर, 1962 में प्रस्ताव पारित कर संकल्प  लिया था कि चीन द्वारा कब्जाई गई अपनी एक-एक इंच जमीन भारत वापस लेगा लेकिन दुर्भाग्य से आज उस संकल्प को पूरे 60 वर्ष होने जा रहे हैं, तब से लेकर आज तक किसी भी सरकार ने उस ओर कदम बढ़ाने का विचार नहीं किया, इसके लिए अपने देश के सभी सांसदों को 60 वर्ष से भूले हुए उनके संकल्प को याद दिलाना है। दूसरा, यह सच है कि सन 1950 में जब चीन षड्यंत्र कर के तिब्बत में घुसपैठ कर रहा था, तब से ले कर हम 1959 तक तिब्बतियों के समर्थन में नहीं खड़े हुए, जिन्होंने कभी आक्रांताओं से हमारे धर्मग्रथों को अपने मठों में छूपाकर रक्षा की थी और यही नहीं बल्कि तिब्बतियों के लिए जो संघर्ष हमारी पूर्ववर्ती सरकारों को करना चाहिए था, वह नहीं किया गया। इसके लिए बीटीएसएस तिब्बती समाज के समक्ष प्रायश्चित पखवारा मनाते हुए अपने कृतघ्न राजनीतिज्ञों की भूल, लापरवाही और कायरता के लिए उनसे क्षमा मांगेगा। और विश्वास दिलाएगा कि तिब्बत स्वतंत्रता की लड़ाई उनकी नहीं, बल्कि हमारी है और अब मिल के यह युध्द कर चीन को तिब्बत से भगाएंगे। इस मौके पर तिब्बत की निर्वासित सरकार की संसद के पूर्व उप सभापति आचार्य यशी फुंगत्सुक ने कहा कि बीटीएसएस के कर्म योद्धाओं को उनका पूरा आशीर्वाद है और विश्वास है कि संघ अपने उद्देश्यों में सफल हो कर रहेगा। 

इस अवसर पर, राष्ट्रीय महामंत्री डॉ अरविंद केसरी व विजय मान, राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष अजित अग्रवाल, राष्ट्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह चौहान, राष्ट्रीय सह मंत्री अवधेश सिंह, एडवोकेट, युवा विभाग में राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य कुणाल यादव, दिल्ली प्रांत के अध्यक्ष सोनपाल शर्मा, दिल्ली प्रांत महिला अध्यक्ष श्रीमती संध्या सिंह, प्रांत युवा उपाध्यक्ष संजीव यादव सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित थे। संघ के बड़े अधिकारियों की उपस्थिति में दिल्ली प्रांत के प्रमुख लोगों ने विश्वास दिलाया कि बीटीएसएस के तय कार्यक्रमों को पूरा इस प्रकार करेंगे कि विश्व समुदाय तक उसकी धमक जाएगी।